Saturday 1 September 2012


I Hate You....


I hate you..
Whenever.. you pass by me....
because I don't see anything else.. except you....

I hate you..
whenever you cross my mind...
because it washes off all other thoughts.. except you..

I hate you....
when you look at me..
I try my best to hold.. but still my heart skips a beat...

I hate you...
When I am at my best..
but everything else grabs your attention.. except me..

I hate you...
For being in my prayers..
you caught everything - my thoughts, heart.. even my soul..

I hate you...
as I have lost myself in you...
and now nothing seems so important...except you...

Tuesday 21 August 2012

एक दुआ...


हर बार एक नयी दस्तक, एक नयी आहट
हर बार यूँ लगता है शायद ये आहट तुम्हारी है...
शायद इस बार ये दस्तक देने वाला पूछेगा
मेरा पता, शायद इस बार कुछ रंग बिखरेंगे
मेरे मन के सूने आँगन में ... और भर जाएगा
मेरा आँचल उन सब खुशियों से.. जो कभी मुझसे
दूर चली गयी थी... शायद ये रंग फिर ले जाए मुझे
उस  जिंदगी की तरफ जहाँ है वो सारे एहसास
रूठना, मनाना, प्यार, तकरार
हँसना-रोना, कुछ सपने कुछ अपने
जो मिले है हमें हमारे साथ से
और इन् सब खुशियों का आधार हो तुम
पर कहते है ना की मन तो बावरा है
उस एक पल की ख़ुशी में जिंदगी ही
ढूंढ़ लेता है.... पर वो एक पल कितनी दूर चलेगा??
कब तक साथ रहेगा.. किसे पता है...
दुआ करती हूँ ये एक पल बन जाए..
मेरी पूरी जिंदगी... तुम्हारे साथ में!!!

Monday 13 August 2012

चलती का नाम जिंदगी.... 

दुनिया में बहुत किस्म के लोग हैं
एक वो - जिन्हें पता होता है कि
उन्हें क्या चाहिए खुद से .. समाज से...
अपने आस पास के लोगों से ...
और सबसे अहम् .. अपनी जिंदगी से..
पर उन्हें ये नहीं पता होता कि ..
वो जो चाहते हैं ... उसे कैसे पाया जाये...

दूसरे  वो लोग होते हैं..
जिन्हें ये बताया जाता है कि...
उन्हें क्या चाहिए.. कब चाहिए.. कैसे चाहिए..
मतलब की उनकी चाहत को..
उनसे ज्यादा दूसरे जानते है..
उन्हें रास्ते तलाशने की जरुरत नहीं होती...
बल्कि उन्हें रास्ते दिखाए जाते हैं..

तीसरे वो लोग हैं...
जिन्हें न ही बताया जाता है..
और ना ही दिखाया जाता है..
पर न जाने वो किस धुन में...
बिना किसी मंजिल के बस चलते रहते हैं..
और फिर शायद कही थोडा सुस्ता के..
फिर आगे बढ़ जाते हैं... अनजानी तलाश में...

अब बारी है उन लोगों की...
जो एक निश्चित लक्ष्य के साथ पैदा होते हैं..
और ये लोग बस ये एक लक्ष्य तय कर के...
चलते ही चले जाते हैं.. कोई रोक नहीं पाता इन्हें...
सारी बाधाएं एक एक कर पार करते चले जाते हैं...
अपनी धुन क बड़े पक्के होते हैं ये लोग..

और आखिर में आते हैं..
'मेरे' जैसे लोग...
जिनका लक्ष्य भी होता है..
वो चलते भी है... अपनी की मंजिल की ओर...
पर फिर कभी - कहीं बीच राह में खो जाते हैं..
और पकड़ लेते हैं एक नयी राह..
फिर बढ़ते ही चले जाते हैं...
उस नयी राह पर..
मानों... वो ही तो उनका लक्ष्य था..
फिर जब कभी दर्द होता है..
राह भूल जाने का...
या एहसास होता है...
अपने लक्ष्य से भटक जाने का...
तब भी कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते...
नई राह पे मिली उस नई मंजिल को...
ख़ुशी से अपना लेते हैं..

सही भी तो हैं ना...

जो चलती रहे वो ही तो जिंदगी है...
जो मुड़ के ना देखे वो ही तो जिंदगी है...
करने को अफ़सोस.. बहुत छोटी है जिंदगी...
जो जी लो जी भर के तो  हर पल में जिंदगी है।

Sunday 1 July 2012

"Respect" & "Acceptance"


A relationship grows.. when its nourished with 2 factors:

1. Respect: Respect for the person for the way he/she is.
2. Acceptance: Accepting the person with and at all his/her good and bad.

                                                                                      - Priyanka

                                                                             

Thursday 22 March 2012

Its Tough

I Dont Know Why Is It So Tough To Let Go Someone Whom You Could Not Hold Ever.

Tuesday 21 February 2012

इक आह...

कभी सोचती हूँ कुछ हो ऐसा
जो तुझे ये एहसास कराये
चोट जब देता है कोई
कितना दर्द दिल ये पाए
आकर किसी के जीवन में
इक पल को खुशियाँ बिखराना
और उसके मन में
अरमानो के दीप जलाना
आँखों में हर पल किसी के
प्यारा सा इक ख्वाब सजाना
हर पल कुछ खास हो तुम
बस ये ही एहसास कराना
खुद ही मीठे सपने दिखा के
नींद से कैसे जगा दे कोई
प्यार तुम्ही से है ये कह कर
कैसे मुंह मोड़ ले कोई
इक पल में सब कुछ भुला कर
दूर कैसे चला जाए कोई
जाने के बाद फिर कभी भी
इक बार भी याद करे ना कोई
पागल तो है मन मेरा जो
हर इक पल में तुझको सोचे
अरमानों की सेज सजा के
तेरे आने की राहें ताके
कहीं जानती हूँ मै कि
तू अब ना है आने वाला
ये तो बस इक बहाना है 
पागल मन बहलाने वाला
कभी सोचती हूँ मै ये कि
इस तपिश से तू भी गुजरे
तू भी जाने हाल जिया का
जब कोई इसे रौंद के गुजरे!!!

Saturday 4 February 2012

चलो... आज को जी लें...!!!!

कभी कभी यूँ सोचती हूँ कि...
क्या अच्छा है???
वो कल जो बीत गया...
या वो कल जो आने वाला है...??

वो कल जो बीत गया.. कितना कुछ है उसमें...
खुशियाँ - ग़म, हार - जीत, कुछ यादें कुछ अपने...
और वो सपने जो हकीक़त बन गए...
और हिस्सा है मेरे आज का...
और वो भी जिन्हें कोई मंजिल ना मिली..
पर हाँ... अफ़सोस करने के लिए वो भी जरूरी है..
कितने ही लोग जो मिले.. और बिछड़ गए...
कुछ छूट गए कहीं... और कुछ...
शामिल हो गए मेरे आज में... 
मुड़ के देखो तो लगता है कि...
एक पूरी जिंदगी ही छूट गयी है पीछे कहीं..
ग़म है उन लम्हों के बीत जाने का....

फिर खो जाती हूँ मैं आने वाले कल खयालो में...
वो कल जो है बिलकुल अनजान.. अजनबी सा.. 
कुछ भी तो नहीं पता है उसके बारे में...
पर उम्मीदों, उमंगो और ख्वाबों का तो 
पूरा नया जहाँ है वो...
पर अक्सर ही इसमें कुछ ऐसा छुपा होता है जो...
हमारी पूरी दुनिया ही बदल देता है..
या तो कुछ आबाद कर जाता है..
या फिर बर्बाद..
तो फिर अच्छा क्या है..????

अब तो यूँ लगता है.. ये आज ही शायद सबसे अच्छा है..
क्यूकि... इसमें जो कुछ भी.. होगा..
वो मेरी वजह से होगा... अच्छा या बुरा..
उसका जिम्मा मेरा ही होगा...
और इस आज में ना तो अफ़सोस है...
ना ही झूठी उम्मीदें... 
ना ही सपनो के पूरे होने ना होने कि शर्तें.. 
बस ये एक आज ही तो हे.. जो कभी मरता नहीं..
और हमेशा... नया और ताज़ा रहता है..

तो फिर क्यूँ ना इस आज को ही जी लिया जाए....

Wednesday 11 January 2012

I Hate Waiting For You


I hate waiting for you
I just hate it...


When I log into Gtalk..
I type first letter of your ID...(Cross Fingers)
Just to check....
If today I will see you online..
(If you have not blocked me OR If you are not on invisible status)
And  If I can have a chat with you
But as always... it shows.. you are offline...
I keep checking it..
every now and then...


Somtimes-
I wish if "telepathy" would work out... 
(I refer any connection b/w you & me which could tell you my status of Mind OR Heart)
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But I do have doubt... if you will notice it... 
(P.S.: because I know you so well :( )
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'
'
But... I would love to be wrong.... 
(Only for You) :P :D

Monday 9 January 2012

"माँ"

माँ शब्द कितना छोटा सा है
पर इसके मायने कितने बड़े
माँ जो खुद सब कुछ सहती है
पर बचाती है हमें हर दुःख से
डट कर खड़ी हो जाती है उस राह में
जहाँ से मुश्किल कोई भी आती है
हमारा हर संकट हर दुःख
हमसे पहले माँ से टकराता है और
हर बार हमें छुए बिना ही
माँ से डरकर चला जाता है
जब भी सपने में कुछ भी डरावना दिखता है
तो आँख खुलते ही सिर्फ माँ ही याद आती है
जाते ही माँ के पास और छुपते ही माँ के आँचल में
हर डर दूर हो जाता है
माँ शब्द है कितना विस्तृत
इसका परिमाप तो नहीं वर्णित
पर इतना जरूर कह सकती हूँ कि
भगवान भी माँ का ही रूप होगा
शायद इसीलिए हर अबोध जो
भगवान का रूप होता है
सबसे पहला शब्द सिर्फ "माँ" बोलता है!!!