Tuesday 21 August 2012

एक दुआ...


हर बार एक नयी दस्तक, एक नयी आहट
हर बार यूँ लगता है शायद ये आहट तुम्हारी है...
शायद इस बार ये दस्तक देने वाला पूछेगा
मेरा पता, शायद इस बार कुछ रंग बिखरेंगे
मेरे मन के सूने आँगन में ... और भर जाएगा
मेरा आँचल उन सब खुशियों से.. जो कभी मुझसे
दूर चली गयी थी... शायद ये रंग फिर ले जाए मुझे
उस  जिंदगी की तरफ जहाँ है वो सारे एहसास
रूठना, मनाना, प्यार, तकरार
हँसना-रोना, कुछ सपने कुछ अपने
जो मिले है हमें हमारे साथ से
और इन् सब खुशियों का आधार हो तुम
पर कहते है ना की मन तो बावरा है
उस एक पल की ख़ुशी में जिंदगी ही
ढूंढ़ लेता है.... पर वो एक पल कितनी दूर चलेगा??
कब तक साथ रहेगा.. किसे पता है...
दुआ करती हूँ ये एक पल बन जाए..
मेरी पूरी जिंदगी... तुम्हारे साथ में!!!

Monday 13 August 2012

चलती का नाम जिंदगी.... 

दुनिया में बहुत किस्म के लोग हैं
एक वो - जिन्हें पता होता है कि
उन्हें क्या चाहिए खुद से .. समाज से...
अपने आस पास के लोगों से ...
और सबसे अहम् .. अपनी जिंदगी से..
पर उन्हें ये नहीं पता होता कि ..
वो जो चाहते हैं ... उसे कैसे पाया जाये...

दूसरे  वो लोग होते हैं..
जिन्हें ये बताया जाता है कि...
उन्हें क्या चाहिए.. कब चाहिए.. कैसे चाहिए..
मतलब की उनकी चाहत को..
उनसे ज्यादा दूसरे जानते है..
उन्हें रास्ते तलाशने की जरुरत नहीं होती...
बल्कि उन्हें रास्ते दिखाए जाते हैं..

तीसरे वो लोग हैं...
जिन्हें न ही बताया जाता है..
और ना ही दिखाया जाता है..
पर न जाने वो किस धुन में...
बिना किसी मंजिल के बस चलते रहते हैं..
और फिर शायद कही थोडा सुस्ता के..
फिर आगे बढ़ जाते हैं... अनजानी तलाश में...

अब बारी है उन लोगों की...
जो एक निश्चित लक्ष्य के साथ पैदा होते हैं..
और ये लोग बस ये एक लक्ष्य तय कर के...
चलते ही चले जाते हैं.. कोई रोक नहीं पाता इन्हें...
सारी बाधाएं एक एक कर पार करते चले जाते हैं...
अपनी धुन क बड़े पक्के होते हैं ये लोग..

और आखिर में आते हैं..
'मेरे' जैसे लोग...
जिनका लक्ष्य भी होता है..
वो चलते भी है... अपनी की मंजिल की ओर...
पर फिर कभी - कहीं बीच राह में खो जाते हैं..
और पकड़ लेते हैं एक नयी राह..
फिर बढ़ते ही चले जाते हैं...
उस नयी राह पर..
मानों... वो ही तो उनका लक्ष्य था..
फिर जब कभी दर्द होता है..
राह भूल जाने का...
या एहसास होता है...
अपने लक्ष्य से भटक जाने का...
तब भी कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते...
नई राह पे मिली उस नई मंजिल को...
ख़ुशी से अपना लेते हैं..

सही भी तो हैं ना...

जो चलती रहे वो ही तो जिंदगी है...
जो मुड़ के ना देखे वो ही तो जिंदगी है...
करने को अफ़सोस.. बहुत छोटी है जिंदगी...
जो जी लो जी भर के तो  हर पल में जिंदगी है।