कभी सोचती हूँ कुछ हो ऐसा
जो तुझे ये एहसास कराये
चोट जब देता है कोई
कितना दर्द दिल ये पाए
आकर किसी के जीवन में
इक पल को खुशियाँ बिखराना
और उसके मन में
अरमानो के दीप जलाना
आँखों में हर पल किसी के
प्यारा सा इक ख्वाब सजाना
हर पल कुछ खास हो तुम
बस ये ही एहसास कराना
खुद ही मीठे सपने दिखा के
नींद से कैसे जगा दे कोई
प्यार तुम्ही से है ये कह कर
कैसे मुंह मोड़ ले कोई
इक पल में सब कुछ भुला कर
दूर कैसे चला जाए कोई
जाने के बाद फिर कभी भी
इक बार भी याद करे ना कोई
पागल तो है मन मेरा जो
हर इक पल में तुझको सोचे
अरमानों की सेज सजा के
तेरे आने की राहें ताके
कहीं जानती हूँ मै कि
तू अब ना है आने वाला
ये तो बस इक बहाना है
पागल मन बहलाने वाला
कभी सोचती हूँ मै ये कि
इस तपिश से तू भी गुजरे
तू भी जाने हाल जिया का
जब कोई इसे रौंद के गुजरे!!!
जो तुझे ये एहसास कराये
चोट जब देता है कोई
कितना दर्द दिल ये पाए
आकर किसी के जीवन में
इक पल को खुशियाँ बिखराना
और उसके मन में
अरमानो के दीप जलाना
आँखों में हर पल किसी के
प्यारा सा इक ख्वाब सजाना
हर पल कुछ खास हो तुम
बस ये ही एहसास कराना
खुद ही मीठे सपने दिखा के
नींद से कैसे जगा दे कोई
प्यार तुम्ही से है ये कह कर
कैसे मुंह मोड़ ले कोई
इक पल में सब कुछ भुला कर
दूर कैसे चला जाए कोई
जाने के बाद फिर कभी भी
इक बार भी याद करे ना कोई
पागल तो है मन मेरा जो
हर इक पल में तुझको सोचे
अरमानों की सेज सजा के
तेरे आने की राहें ताके
कहीं जानती हूँ मै कि
तू अब ना है आने वाला
ये तो बस इक बहाना है
पागल मन बहलाने वाला
कभी सोचती हूँ मै ये कि
इस तपिश से तू भी गुजरे
तू भी जाने हाल जिया का
जब कोई इसे रौंद के गुजरे!!!