Tuesday 21 August 2012

एक दुआ...


हर बार एक नयी दस्तक, एक नयी आहट
हर बार यूँ लगता है शायद ये आहट तुम्हारी है...
शायद इस बार ये दस्तक देने वाला पूछेगा
मेरा पता, शायद इस बार कुछ रंग बिखरेंगे
मेरे मन के सूने आँगन में ... और भर जाएगा
मेरा आँचल उन सब खुशियों से.. जो कभी मुझसे
दूर चली गयी थी... शायद ये रंग फिर ले जाए मुझे
उस  जिंदगी की तरफ जहाँ है वो सारे एहसास
रूठना, मनाना, प्यार, तकरार
हँसना-रोना, कुछ सपने कुछ अपने
जो मिले है हमें हमारे साथ से
और इन् सब खुशियों का आधार हो तुम
पर कहते है ना की मन तो बावरा है
उस एक पल की ख़ुशी में जिंदगी ही
ढूंढ़ लेता है.... पर वो एक पल कितनी दूर चलेगा??
कब तक साथ रहेगा.. किसे पता है...
दुआ करती हूँ ये एक पल बन जाए..
मेरी पूरी जिंदगी... तुम्हारे साथ में!!!

3 comments: