Wednesday 14 September 2011

:)


Life is just life. People around you.. make it beautiful.... Or Weird... :) ;)
And mine is combo... Bczz I have very good friends, well wishers & lovely People in it... bt yeahh at the same time some horrible.. ppl as well..... whom I dnt want to throw out of my life.... bczz they make me realize the worth of good ppl in my life.... :) ;)

Monday 29 August 2011

तुम्हारा एहसास...

कुछ यूँ हुआ था उस रोज़ ...
बैठी थी मैं अपने कमरे में
और तुम आ गए.. ना कोई दस्तक..
ना ही कोई आहट... चुप-चाप दबे पाँव आये..
और हौले से बैठ गए पैताने पे...
तुम बिल्कुल सामने थे मेरे...
उस रोज़ पहली बार थामा था तुमने... हाथ मेरा...
बस मैं खो गयी उस एक स्पर्श में...
कुछ न कहा मैंने ... बस नज़रें झुकाए बैठी रही ..
पर शायद कुछ कहा था तुमने.. जिसे मैं सुन न सकी...
क्या करती मैं..??? तुम्हारे छूने भर से...
उस ठहरे हुए पानी में अजीब सी तरंगें उठ गयी..
यूँ लगा कि बस ये वक़्त यहीं थम गया है ... और साथ ही
दिल कि धडकनें भी...
बस वो इक पल था जब मैं खुद से मिली
मैंने जाना खुद को और उन् एहसासों को
अजनबी हो तुम, कुछ जाने पहचाने से 
मुझसे दूर पर दिल के बेहद करीब.....
अचानक से कुछ टूटने की आवाज़ से चौंक गई मैं...
देखा... हाथ लगने से.. पास की मेज़ पे रखा..
कांच का  गिलास टूट गया था.. तुम न थे वहां... 
और सारे एहसास कांच टुकड़ो के रूप में बिखरे पड़े थे फर्श पर..
और वही मैं थी होस्टल  के कमरे की खिड़की से...
चाँद को निहारती.. भ्रम था मेरा कि मैंने तुमको देखा है...
लुढ़क आये दो आंसू गाल पे..
फिर बैठ गयी मैं उन एहसासों को पन्नो पर उकेरने....

Sunday 1 May 2011

Ek Ladki.....

एक लड़की प्यारी सी
शुरू करती है अपनी ज़िन्दगी
अपने लोगों के साथ 
उनके अरमानों के साथ और कुछ 
सपनों के साथ

एक लड़की मासूम सी
हमेशा जुटी रहती है
दूसरों को खुश रखने में
चाहे खुद ख़ुशी से या फिर
ओढ़ के मुस्कराहट होठों पे

एक लड़की मजबूर सी
हमेशा रखती है अपने पैर
हकीकत की ज़मीन पे
और बाँध लेती है अपने मन को
अपने सीने में ही..........

एक लड़की समझदार सी...
पहन के फ़र्ज़ का चोला
अपने तन पे और साथ ही
नकाब डाल लेती है अपने मन पे
रोकने को उसे मचलने से.........

एक लड़की अकेली सी...
बैठ कर किसी कोने में
बहाते हुए आंसूं
लगी रहती है इकट्ठे करने को
टूटे सपनों की किरचें.......

एक लड़की उम्र के पड़ाव पे...
अपने फ़र्ज़ पूरे कर के
जीना चाहती है उन टूटे सपनों को
फिर तलाशती है खुद को
अपने ही किसी अंश में..............

                                          - Priyanka